भूतों की कहानी तो आपने बहुत सुनी होगी भूतों से जुड़ी हुई ब - Tripclap
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भूतों की कहानी तो आपने बहुत सुनी होगी भूतों से जुड़ी हुई बहुत सी ऐसी जगह भारत में स्थित है ,परंतु भारत में ऐसे कई हांटेड रेलवे स्टेशन तथा मेट्रो स्टेशन भी है जहां पर कई लोगों ने डरावने साए को देखा है तथा बहुत से असाधारण गतिविधियों को महसूस किया है भारत मैं कई ऐसे रेलवे स्टेशन है जहां पर कई लोगों की मौतें हुई और उनके कारण यह स्टेशंस हॉन्टेड हो गए तो आइए आज हम बात करेंगे भारत के ऐसे ही सबसे हॉन्टेड रेलवे स्टेशंस के बारे में जहां पर लोग जाने से डरते हैं
यह पश्चिम बंगाल का एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां पर कई बार लोगों को भूत से तथा उनसे जुड़ी गतिविधियां दिखाई दी है तथा महसूस भी हुई है रविंद्र सरोवर मेट्रो में सफर करने वाले लोगों तथा इस स्टेशन के आसपास रहने वाले लोगों का यह मानना है कि यहां कुछ ना कुछ उनके साथ अजीब घटनाएं घटती ही रहती है जो उन्हें हैरान करके रख देती है इस मेट्रो में सफर करने वाले लोग ही नहीं बल्कि यहां आसपास रहने वाले लोग तथा उस ट्रेन को चलाने वाले ड्राइवर तक यहां से होकर गुजरने में डरते हैं
यह रविंद्र सरोवर मेट्रो स्टेशन भारत में ही पश्चिम बंगाल में स्थित है रविंद्र सरोवर मेट्रो स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि यहां पर कई लोगों ने अपनी पटरी पर कूदकर जान देने की कोशिश की है तथा कई लोगों की जान गई भी है लोगों ने कई बार मेट्रो के पास में एक धुंधला साया को देखा है जो यहां से गुजरने वाले लोगों तथा यात्रियों को कभी ना कभी देखते रहता है स्टेशन दिखने में भी काफी खौफनाक है क्योंकि यहां रेलवे कर्मचारी सहित सफाई कर्मचारी भी आने से डरते हैं
रेलवे स्टेशन की सफाई की हालत कुछ ठीक नहीं है रात के समय में यहां से कोई भी मेट्रो नहीं गुजरती है आसपास के लोग इस मेट्रो स्टेशन पर रात के समय जाने से डरते हैं कहा जाता है कि इस मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों के साथ अजीब घटनाएं घटती ही रहती है इसीलिए यहां से गुजरने पर कोई भी यात्री के मन में खौफ पैदा होता है इस मेट्रो स्टेशन पर कई लोगों ने इसके ट्रैक पर कूदकर अपनी जान दी है इसीलिए इसे सुसाइडल मेट्रो स्टेशन भी कहा जाता है रविंद्र सरोवर मेट्रो स्टेशन पश्चिम बंगाल ही नहीं पूरे भारत में खौफनाक मेट्रो स्टेशन मे सेे एक है
बरोग स्टेशन हिमाचल प्रदेश का इतिहास बड़ा दिलचस्प रहा है यहां स्टेशन ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया था तथा इस स्टेशन को इस टनल को बनवाने में बरोग नामक एक व्यक्ति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी बरोग द्वारा यह टनल पूरा नहीं बन पाया था जिस वजह से उसने टनल में सुसाइड कर ली थी कहते हैं कि उसे बरोग नामक व्यक्ति की आत्मा इस टनल में घूमती रहती है 1898 में इस टनल का काम ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू किया गया रेलवे स्टेशन पर सबसे लंबी तथा सबसे खौफनाक टनल थी टनल नंबर 33 इसे बनाने का काम दिया गया था कर्नल बरोग एक रेलवे के इंजीनियर थे ब्रिटिश सरकार के दबाव के कारण उन्हें यह टनल जल्दी खत्म करनी थी उन्होंने टनल को दोनों ओर से खोदना शुरू किया दोनों तरफ की टनल अपने मिड प्वाइंट से आखिर तक खोद ली गई पर दोनों आपस में मिली ही नहीं फल स्वरुप ब्रिटिश सरकार ने कर्नल बरोग को उनके पद पर से हटा दिया गया तथा इसके चलते उन्होंने उस टनल 33 में जाकर जो कि अधूरी थी वहां पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली तब से यह टनल हांटेड हो गई उसके बाद यह टनल बनाने का कार्य एचएस हैरिंगटन को दिया गया जिन्होंने इस टनल को पूरा किया, यह टनल 1100 मीटर लंबी है ब्रिटिश सरकार ने कर्नल बरोग का रेलवे में कॉन्ट्रिब्यूशन देखते हुए उस हिल स्टेशन का नाम ही बरोग स्टेशन रख दिया तब से कहा जाता है कि वहां पर कर्नल बरोग का भूत लोगों को दिखाई देता है तथा वहां से किसी इंग्लिश मैन के बात करने की आवाजें सुनाई देती है
यहां के लोगों का कहना है कि कुछ लोगों ने उस टनल के अंदर जाकर उस इंग्लिश मैन से बातें भी की है तथा उस अतृप्त आत्मा ने उन लोगों की बातों का जवाब भी दिया है परंतु फिर कुछ समय बाद भारत सरकार ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उस टनल को बंद करने के लिए वहां एक लोहे का गेट लगाया था परंतु कुछ समय बाद वह गेट अपने आप ही टूट गया तब से वहां दूसरा कोई गेट नहीं लगाया गया है वहां के आसपास के लोगों का मानना है कि यह टनल 33 हांटेड टनल है, बरोग स्टेशन भारत के हांटेड स्टेशंस में से एक है जहां पर लोगों को कर्नल बरोग का साया दिखता है
चित्तूर रेलवे स्टेशन आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है कहा जाता है कि यह स्टेशन भारत के हांटेड स्टेशंस में से एक है 2013 में नई दिल्ली से केरला जाने वाली रेलवे एक्सप्रेस में हरि सिंह नाम का सीआरपीएफ जवान यात्रा कर रहा था उसकी यात्रा के दौरान उस मेट्रो में किसी बात को लेकर के टीटी से हरि सिंह की कुछ कहासुनी हो गई थी विवाद इतना बढ़ गया था कि आरपीएफ अर्थात रेलवे पुलिस को भी शामिल होना पड़ा ,जब टीटी और हरि सिंह के विवाद को आरपीएफ ने सुना तब हरि सिंह अपनी बात पर डटा हुआ था लेकिन टीटी तथा आरपीएफ अर्थात रेलवे पुलिस के जवानों ने मिलकर हरि सिंह की बेरहमी से पिटाई की तथा उसके शरीर पर बहुत चोट आई, बहुत अधिक जख्मी होने के कारण हरी सिंह चित्तूर रेलवे स्टेशन पर इलाज के लिए उतर गया अधिक चोट होने के कारण कई दिन अस्पताल में भर्ती रहा परंतु कई दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद भी हरि सिंह जिंदगी से नहीं लड़ पाया तथा उसकी मौत हो गई ,
कहा जाता है कि इसी कारण हरि सिंह की आत्मा उस चित्तूर रेलवे स्टेशन पर न्याय पाने की उम्मीद में आज भी भटकती रहती है तथा आने जाने वालों को कई बार उसकी आत्मा देखी गई है तथा महसूस भी हुई है चित्तूर रेलवे स्टेशन को भारत का सबसे खौफनाक रेलवे स्टेशन कहा जाता है
लुधियाना रेलवे स्टेशन लुधियाना डिस्ट्रिक्ट, भारत में स्थित है इसकी स्थापना 1905 ईस्वी में हुई थी यहां पर ऐसा कहा जाता है कि इस रेलवे स्टेशन के आरक्षण केंद्र में एक सुभाष नाम का व्यक्ति था जो कि रेलवे में कर्मचारी था उसे अपनी नौकरी अत्यधिक प्रिय थी,
उसे अपनी नौकरी से इतना लगाव था कि वह बिना किसी छुट्टी के सालों साल कार्य किया करता था एक दिन सुभाष को उसके सीने में दर्द उठा और वह दर्द इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसकी अकाल मृत्यु हो गई कहां जाता है कि उसकी अकाल मृत्यु हो जाने के कारण उसकी अतृप्त आत्मा यहां के काम करने वाले कर्मचारियों तथा आसपास रहने वाले लोगों को महसूस होती है तथा उनको परेशान करती है सुभाष अपनी कुर्सी पर किसी को भी बैठने नहीं देता है यदि कोई कर्मचारी उसकी कुर्सी पर बैठता है तो वह कर्मचारी को सुभाष की आत्मा परेशान करने लगती है
लोगों द्वारा यह भी माना जाता है कि यहां जो भी रेलवे में कर्मचारी आते हैं उन्हें सुभाष की आत्मा यहां कार्य करने नहीं देती है यहां के लोगों का कहना है कि सुभाष की आत्मा कई लोगों के द्वारा देखी गई है तथा महसूस की गई है तथा लुधियाना रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों द्वारा सुभाष की आत्मा को महसूस किया गया है इसीलिए पंजाब का लुधियाना जंक्शन भारत के भूतिया जंक्शन में से एक माना जाता है
बेगुनकोडर स्टेशन पश्चिम बंगाल में स्थित है 1962 में रेलवे स्टेशन को बनाया गया था तथा इस रेलवे स्टेशन के बनने से बेगुनकोडर में रहने वाले लोगों की बहुत बड़ी परिवहन की समस्या हल हो गई थी यहां के लोगों द्वारा यह बताया जाता है कि यहां पर एक लड़की की बहुत समय पहले ट्रेन से मृत्यु हो गई थी ,
उसकी आत्मा ही लोगो को ट्रेनों में परेशान करती है रेलवे कर्मचारियों को दिखाई देती है और लोगों को भी वह लड़की अपनी ट्रेन के साथ भागते हुए दिखती है तथा कभी-कभी उस लड़की का भूत पेड़ों पर बैठा हुआ दिखाई देता है कई बार लोगों ने उस लड़की को रेलवे प्लेटफार्म पर नाचते हुए देखा है ,
एक बार 1967 के समय यहां पर रेलवे स्टेशन मास्टर को ट्रेन के साथ भागते हुए एक लड़की दिखाई दी थी वह ट्रेन की रफ्तार को मिलाकर उसके साथ भाग रही थी कभी-कभी वह लड़की इतनी तेजी से भागती थी कि वह ट्रेन से भी आगे निकल जाती थी और फिर पटरी पर भागने लगती थी यह नजारा रेलवे स्टेशन मास्टर के लिए बहुत ही हैरान जनक था स्टेशन मास्टर ने रेलवे के कर्मचारियों तथा वहां के लोगों द्वारा पता किया तो वहां के लोगों ने बताया कि कई बार यह लड़की यात्रियों को भी जब यह रेलवे स्टेशन आता है तो बाहर खिड़की से भागती हुई नजर आती है कभी-कभी वह प्लेटफार्म पर नाचती भी है और फिर गायब हो जाती है उसके बाद स्टेशन मास्टर इस डर के कारण वह अपने गांव चले जाता है तथा कुछ दिनों बाद स्टेशन मास्टर की गांव में अज्ञात कारण से मृत्यु हो गई यह बात गांव में आग की तरह फैल गई तथा रेलवे स्टेशन पर नए स्टाफ की नियुक्ति की गई परंतु उन्हें भी वह लड़की रोज ट्रेन के साथ भागती हुई प्रतीत हुई अगले ही दिन उन्होंने वहां से चले जाने के एप्लीकेशन दे दी ,भारत सरकार द्वारा यहां पर कई रेलवे कर्मचारियों कई नए स्टाफ की नियुक्ति की गई परंतु सभी को असाधारण गतिविधियां दिखने के कारण रेलवे कर्मचारियों ने वहां से जाना उचित समझा लोगों तथा रेलवे कर्मचारियों में इस इन घटनाओं का खौफ इतना ज्यादा बढ़ गया कि यहां पर कोई भी रेलवे स्टाफ अपनी नियुक्ति नहीं चाहता था कोई भी रेलवे कर्मचारी इस रेलवे स्टेशन पर काम नहीं करना चाहता था गांव के लोगों में तो इतना खौफ था कि गांव के लोग भी वहां आने से डरते थे रेलवे स्टेशन के खौफनाक कर देने वाले घटनाओं से इस रेलवे स्टेशन का रेलवे रिकॉर्ड में नाम भूतिया स्टेशन रखा गया तथा 1968 में इस रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया,
42 साल तक यह रेलवे स्टेशन एक भूतिया लड़की के कारण बंद रहा तथा बाद में 2009 में इस रेलवे स्टेशन को लोगों के लिए शुरू कर दिया गया परंतु सरकार की तरफ से यह शर्त रखी गई थी यहां पर शाम 5:00 बजे के बाद कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता है क्योंकि उस लड़की की आत्मा शाम के समय से सतर्क हो जाती है
भारतीय रेलवे का इतिहास 200 वर्ष पुराना रहा है और इन वर्षों में कई ऐसे स्टेशन है जो भूतिया घोषित किए गए नैनी रेलवे स्टेशन जो कि प्रयागराज उत्तर प्रदेश में स्थित है उन स्टेशंस में से एक है जहां पर लोगों ने असाधारण गतिविधियां देखी है तथा महसूस की है लोगों द्वारा बताया गया है कि इस जंक्शन पर तथा ट्रैक पर कई भूतों को एक साथ देखा गया है तथा अजीब सी आकृतियों में देखा गया है
ऐसा कहा जाता है कि नैनी जंक्शन के पास स्थित नैनी जेल बहुत वर्ष पहले बहुत से फ्रीडम फाइटर बंद थे तथा उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थी उन्हें बहुत मारा जाता था तथा उनके साथ ऐसी ऐसी घटनाएं घटित होती थी जिससे किसी भी मनुष्य की मौत हो सकती थी कई बार उन्हें यातनाएं इतनी ज्यादा दी जाती थी कि उनकी मौत भी हो जाया करती थी,
कहते हैं कि उन्हें फ्रीडम फाइटर्स की आत्माएं इस नैनी जंक्शन को हमेशा घेरे रखती है तथा यहां से आने जाने वाले लोगों तथा आसपास में रहने वाले लोगों को वह अतृप्त आत्माएं दिखती है, तथा कभी-कभी उन का साया इन्हें महसूस होता है यहां के लोगों का यह भी कहना है कि कई बार आत्माओं को रेलवे ट्रैक पर चलते हुए देखा गया है तथा वह अजीब सी प्रतीत होती है इसीलिए यहां पर ट्रेन चालक भी इस रेलवे स्टेशन के आने पर ट्रेन की रफ्तार और तेज कर लेते हैं तथा यही कुछ असाधारण घटनाएं इस नैनी जंक्शन को भारत के सबसे भूतिया रेलवे स्टेशनों में से एक बनाती है
द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन दिल्ली एनसीआर में स्थित है द्वारका सेक्टर 9 के मेट्रो स्टेशन की कहानी एक औरत की कहानी है जो मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो आने का इंतजार कर रही होती है और उसके पैर फिसलने से वह मेट्रो के ट्रैक पर गिर जाती है और उसी समय मेट्रो आ जाने के कारण उसकी मौत हो जाती है उसके बाद से ही इस मेट्रो स्टेशन को एक भूतिया मेट्रो स्टेशन कहा जाता है क्योंकि उस से महिला की मौत के बाद यहां पर कई लोग जो वहां मेट्रो का इंतजार करते हैं लोगों को लगता है कि उन्हें कोई पीछे से धक्का दे रहा है या कोई भूत का साया उनका पीछा कर रहा है तथा कोई भूत का साया उनके साथ चलने की कोशिश कर रहा है,
लोगों का कहना है कि यहां पर जो साया उनका पीछा करता है वह उन्हें मेट्रो के सामने धक्का देने की कोशिश करता है जिससे उनकी मौत हो जाए तथा तथा कई लोगों की यहां सचमुच में मौत हुई है इसीलिए इस द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन को भूतिया कहा जाता है इस मेट्रो स्टेशन पर बहुत सी और साधारण गतिविधियां होती है बहुत सी पैरानॉर्मल एक्टिविटी होती है जो कि लोगों का दिल दहला देती है इसीलिए यहां पर लोग उतरने से डरते हैं यहां रात के समय तो क्या दिन के समय भी लोग जाने से डरते हैं तथा भारत सरकार द्वारा भी यहां पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं भारत सरकार ने भी यहां पर रात को 10:00 बजे के बाद आने पर बैन लगाया हुआ है यह दिल्ली के मोस्ट हांटेड स्टेशन में दूसरी जगह पर आता है
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